Wednesday, March 23, 2011

सेक्‍स अज्ञानता

जाबूझकर या अंजाने में किए गए कार्य का भी यौन हिंसा के दायरे में आ जाने की संभावना है। हाल के अध्‍ययनों से यह तथ्‍य उभरकर सामने अया है।

सेक्‍स अज्ञानता के कारण वैवाहिक बलात्‍कार और अन्‍य तरह के यौन हिंसा की भारत में प्रबल संभावना है। यौन मामलों में न केवल छोटे उम्र के युवाओं में वरन विवाहित व्‍यक्तियों में भी व्‍यापक तौर पर जानकारी का आभाव पाया गया है। परिणामस्‍वरूप जाबूझकर या अंजाने में किए गए कार्य का भी यौन हिंसा के दायरे में आ जाने की संभावना है। हाल के अध्‍ययनों से यह तथ्‍य उभरकर सामने अया है।

गैर सरकारी संस्‍था टार्शी जो आमलोगों को मुफ्त में सेक्‍स संबंधी सूचनाएं हेल्‍पलाइन के जरिए प्रदान करता है, इसका कहना है कि पिछले कुछ दिनों में इसने 59,000 पुरुषों के फोन कॉल्‍स प्राप्‍त किया है। इनलोगों ने सेक्‍स संबंधी ऐसे अनेक सवाल पूछे जिससे सेक्‍स अज्ञानता के बारे में सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। सवाल मुख्‍य रूप से महिलाओं की शारीरिक बनावट, अपनी पत्‍नी को कैसे संतुष्‍ट किया जाए, पहली रात में बेहतर सेक्‍स कैसे किया जाए आदि के संबंध में था। विशेषज्ञों के अनुसार यह यौन संबंधी अज्ञानता को दर्शाता है। संस्‍था के कार्यकारी निदेशक राधिका चांडीरमानी का कहना है कि सलाह पर अमल के उपरांत अनेक लोगों ने उनसे पुन: संपर्क करके आभार जताया कि संस्‍था ने उनको वैवाहिक बलात्‍कार जैसे कृत्‍य करने से बचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है।

चांडीरमानी कहती हैं,'जो डाटा हमें प्राप्‍त हुए हैं उसके अनुसार 70 फीसदी हिंदी बोलने वाले वैसे लोग थे जिनकी उम्र 30 वर्ष से कम थी। जबकि 33 प्रतिशत लोगों का उम्र 15-24 वर्ष के बीच था। इसका सीधा मतलब यह हुआ की युवा लोगों को भी सेक्‍स संबंधी सकारात्‍मक सूचनाएं चाहिए जो उनके जीवन को आसान बना सके।' इसके साथ ही उनका यह भी कहना था कि चाहे वह युवा हो या उम्रदराज दोनों को यौन संबंधी सूचनाएं प्राप्‍त करने का पूर-पूरा अधिकार है। जिससे वे एक सुखद सफल सेक्‍स जीवन बिता सकें।

इनका आगे कहना है,'हमारे देश में शुरू से ही युवाओं को यह बताया जाता है कि सेक्‍स एक बुरी बला है, इसके बारे में किसी तरह की बातें नहीं करनी चाहिए। बच्‍चों को आमतौर पर ऐसी हिदायतें दी जाती हैं जिससे वे यौन संबंधी किसी भी तरह की बातें करने से बचते हैं। युवाओं को इससे दूर रहने का सलाह दिया जाता है। ऐसे माहौल में यौन शिक्षा के बारे में बात करना भी मुश्किल हो जाता है। परिणामस्‍वरूप आमलोगों के बीच सेक्‍स के प्रति पर्याप्‍त अज्ञानता व्‍याप्‍त रहती है।'यौन शिक्षा पर उनका कहना था कि भारत में अनेक तरह की बातें इसको लेकर उठती रहती हैं जैसे यह अनैतिक है, बच्‍चों पर इसका बुरा असर होगा, संस्‍कृति विरुद्ध है आदि आदि। जबकि विश्‍व स्‍वास्‍थ संगठन इसपर कई बार अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। इसी बात को ध्‍यान में रखते हुए हैदराबाद में 'मोर देन प्‍लेजर: न्‍यू इश्‍यूज इन अफर्मिंग सेक्‍सुअलिटि इन एशिया' विषय पर एशिया-प्रशांत के चौथे सम्‍मेलन का आयोजन संयुक्‍त राष्‍ट्र जनसंख्‍या निधि (UNPF) के तत्‍वावधान में किया गया। इसमें सेक्‍स और पुनरुत्‍पाद अधिकार पर विशेष बल दिया गया। इस सम्‍मेलन में यौन शिक्षा के अलावा पुनरुत्‍पाद अधिकार, लिंगानुपात में कमी, शारीरिक और यौन हिंसा आदि विषय पर भी विस्‍तार से विचार-विमर्श किया गया।

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